मेरा प्रेम

मेरा प्रेम
बड़ी बड़ी बातों की दरकार नहीं रखता
आटा गूंधते
जो बालों की
वो शैतान लट,मुझे परेशान करती है....बस प्यार से वो 
हटा दिया करो
अरे रे रेे....सुनो सुनो
वो पसीने से टेढ़ी हुई बिंदी भी
प्रतीक्षा करती है
उसे भी साथ साथ .... बोलूं
तो तुम्हें भी सीधा कर देना
आजकल बहुत टेढ़े से हो
जाते हो,मुझे कनखियों से
ताकते हुए


मेरे मन की तृप्ति
इतने भर की है
सुनो इतना कर देना...समझे


 दिव्या शिवहरे