रामायण

#पोस्ट पूरी पढ़ें व साझा करें, क्योंकि #बुद्ध, #रैदास/#रविदास और #भीम तीनों का राजनैतिक उपयोग करने वाले इन तीनों की जीवनी न तो जानते हैं, न बताते हैं
केवल #गुमराह करते हैं....  


पढ़ें संत रविदास जी ने क्या लिखा है "रैदास रामायण" में....
#वेद धर्म सबसे बड़ा,अनुपम सच्चा ज्ञान
फिर क्यों छोड़ इसे,पढ लूं झूठ क़ुरान
वेद #धर्म छोडूं नहीं,कोशिश करो हज़ार 
तिल तिल काटो चाहे,गला काटो कटार
::"#रैदास_रामायण"
1398 #माघ_पूर्णिमा के दिन #काशी के संतोख दास व कर्मा देवी के घर पर संत रैदास जी महाराज ने जन्म लिया
#गुरू स्वामी रामानंद के शिष्य व #कबीर जी के गुरूभाई संत रैदास धर्मांतरण विरोधी संतों के प्रारम्भिक अग्रणी व प्रखर हिंदु रहे हैं
उस समय भारत पर #सिकंदर_लोदी ने आक्रमण किया था,धर्मांतरण,तीर्थ #जजिया,शवदाह जजिया जैसे करों व कष्टों से हिंदु समाज भयंकर रूप से त्रस्त था
तब संत #रामानंद जी महाराज ने विभिन्न जातियों के 12 संतों को लेकर #द्वादश भगवत शिष्य मंडली बनाई 
यह मंडली #हिंदू समाज में जातीय एकता व सामाजिक #समरसता का काम करते हुए धर्मांतरण के षड़यंत्रों का भारी विरोध करने की अलख समाज के प्रत्येक वर्ग में जगाने का कार्य करती थी
सिकंदर लोदी ने #बौखलाकर इस अग्रणी मंडली के समवैचारिक लोगों को #चमड़े का काम करने के लिए बाध्य किया व #चर्मकार कहके अछूत की संज्ञा देने का प्रयास किया परंतु इस #पूज्य मंडली ने फिर भी धर्म नहीं बदला
दुर्भाग्यवश इस प्रकार के षड़यंत्रों का हमारे हिंदु समाज पर आंशिक प्रभाव भी पड़ा 
लेकिन तत्कालीन #धर्मपरायण हिंदु शासकों ने इस संत मंडली को #शिरोधार्य किया
जिसमें चित्तोड की महारानी #भक्तिमति_मीरां बाई जैसे नाम है,जिन्होंनें संत रैदास जी महाराज को गुरू बनाया था
धर्मांतरण के विरोध में इन्होंने उस समय बडे जोर शोर से #घर_वापसी करवाई 
इनको #इस्लाम का ज्ञान देने आए #सदन_कसाई ने स्वयं सनातन का #वैष्णव_पंथ स्वीकार कर लिया था
महान रैदास जी के 40 दोहे श्री_गुरुग्रंथ_साहिब में शामिल है!